नमाज़ का छोड़ना आदमी को कुफ्र से मिला देता है

नमाज़ का छोड़ना आदमी को कुफ्र से मिला देता है

नमाज़ का छोड़ना आदमी को कुफ्र से मिला देता है


नमाज़ का छोड़ना आदमी को कुफ्र से मिला देता है

नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया : 
 बेशक इमान और कुफ्र के दरमियान (फासला मिटाने वाला अमल) नमाज़ का छोड़ देना है ।

सहीह मुस्लिम # 246


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(हदीस) Hadees

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